हर यूरोपीय शहर की तरह विएना में भी ट्राम और ट्रेन का जाल बिछा है। दूसरे शहरों की तरह यहां भी एक ही टिकट से आप ट्राम, ट्रेन, सबवे और बस में यात्रा कर सकते हैं। शोनब्रुन पैलेस ही यहां देखने लायक है, जैसे दिल्ली में लाल किला। यह भी हैब्सबर्ग साम्राज्य के सम्राटों की आरामगाह था।
विएना में निश्चित स्थान पर ऑपेरा के पोस्टर लगे होते हैं |
यहां यह रिवाज है कि आरामगाह के तौर पर जो महल बनवाए जाते थे उनमें एक गार्डेन और यह चिड़ियाखाना (टियरगार्टन) भी होता था। शोनब्रुन में भी चिड़ियाखाना है जिसे देखने के लिए टिकट है। मजे की बात है कि महल की देखरेख एक सरकारी कंपनी के जिम्मे है और वह कंपनी अपना सारा खर्च खुद ही निकालती है सरकार से कोई मदद नहीं लेती। टिकट से अच्छी खासी आमदनी हो जाती है।
विएना खुला-खुला है। प्राग ही तरह बंद-बंद नहीं। वैसे भी धूप निकलने के कारण सबकुछ ज्यादा अच्छा लग रहा है। पता नहीं क्यों यहां जापानी सैलानियों की भरमार है।
बिग बस के बारे में पहले नहीं सुना था। यह कई पर्यटन के लिए प्रसिद्ध शहरों में चलती है। इसमें आप जहां चाहे उतर जाएं और फिर घूमघाम कर अगली बिग बस में चढ़ जाएं। साथ में कई भाषाओं (हिंदी सहित) वाला ऑडियो गाइड दिया जाता है जिसे कान से लगाने पर आपको सारा विवरण मिलता रहता है।
विएना कला का शहर है। संगीत सम्राट बीथोवन और मोजार्ट यहीं के थे। मनोविज्ञान को अपने सिद्धांतों से उलट-पलट कर देने वाले फ्रायड भी वियेना के ही थे। शहर म्यूजियमों से भरा है। सड़कों पर निश्चित स्थान पर पोस्टर लगे हैं, ऑपेरा और थियेटर के होने वाले शो के।
विएना खुला-खुला है। प्राग ही तरह बंद-बंद नहीं। वैसे भी धूप निकलने के कारण सबकुछ ज्यादा अच्छा लग रहा है। पता नहीं क्यों यहां जापानी सैलानियों की भरमार है।
बिग बस के बारे में पहले नहीं सुना था। यह कई पर्यटन के लिए प्रसिद्ध शहरों में चलती है। इसमें आप जहां चाहे उतर जाएं और फिर घूमघाम कर अगली बिग बस में चढ़ जाएं। साथ में कई भाषाओं (हिंदी सहित) वाला ऑडियो गाइड दिया जाता है जिसे कान से लगाने पर आपको सारा विवरण मिलता रहता है।
विएना कला का शहर है। संगीत सम्राट बीथोवन और मोजार्ट यहीं के थे। मनोविज्ञान को अपने सिद्धांतों से उलट-पलट कर देने वाले फ्रायड भी वियेना के ही थे। शहर म्यूजियमों से भरा है। सड़कों पर निश्चित स्थान पर पोस्टर लगे हैं, ऑपेरा और थियेटर के होने वाले शो के।
पैलेस में भी एक थियेटर है जिसमें शाम को शो होने वाला है। गार्डेन में कला के अनुपम नमूनों के रूप में मूर्तियां भरी पड़ी हैं। ये मूर्तियां ग्रीक मिथक, इतिहास और संस्कृति पर आधारित हैं। इनमें होमर के महाकाव्य इलियाड, ओडिसी आदि की कहानियां शामिल हैं। ब्रुटस की भी एक मूर्ति लगी है जिसमें एक हाथ में वह लुक्रेशिया को थामे हुए है।
शेक्सपीयर की रचना रेप आफ लुक्रेश में यह प्रकरण आता है। ईशा से 500 साल पहले की इस कहानी में प्रकरण है कि लुक्रेशिया का रोम के राजा के पुत्र सेक्सटस ने बलात्कार कर लिया था। लुक्रेशिया ने इसके बारे में अपने पति को बताने के बाद छूरा घोंपकर आत्महत्या कर ली।
विएना में एक व्यक्ति संगीतकार मोजार्ट की मूर्ति बनकर खड़ा है। मोटार्ट विएना का ही था। |
बाद में इसी घटना को केंद्रित करते हुए राजा के विरुद्ध विद्रोह हुआ और तख्तापलट हो गया। एक मूर्ति कृषि, विवाह और मृत्यु की देवी सेरिस की है। यह पुनरुत्पादन या उपजाऊपन का प्रतिनिधित्व करती है। पुनरुत्पादन की पूजा करने का हमारी संस्कृति में भी रिवाज है।
कुल मिलाकर इस बगीचे में आप एक-एक मूर्ति के पीछे के इतिहास में जाएं तो यूनानी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा के बारे में आपको अच्छी जानकारी हो जाएगी। विएना में सड़कों के किनारे भी सुंदर लाल और पीले ट्यूलिप खिले हुए हैं।
इन्हें देखकर हमारे यहां के एक सज्जन की याद आती है जो सुबह-सुबह उचक-उचक कर फूल तोड़ते हैं और इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि अंतिम फूल भी तोड़ लिया जाए। पता नहीं फूल का जन्म पूजा में चढ़ने के लिए हुआ है या भंवरों को आकर्षित करने के लिए।
बर्लिन और न्यूरमबर्ग में परिवार के बीच रहने के कारण यूरोप के पारिवारिक मूल्यों के बारे में जानकारी हासिल हुई। अब तक जो जानकारी थी वह सिनेमा और उपन्यासों पर आधारित थी। न्यूरमबर्ग में मेरी मेजबान मारिया इग्लिच अपने दूसरे पति के साथ रहती हैं।
बर्लिन और न्यूरमबर्ग में परिवार के बीच रहने के कारण यूरोप के पारिवारिक मूल्यों के बारे में जानकारी हासिल हुई। अब तक जो जानकारी थी वह सिनेमा और उपन्यासों पर आधारित थी। न्यूरमबर्ग में मेरी मेजबान मारिया इग्लिच अपने दूसरे पति के साथ रहती हैं।
दूसरा पति, बच्चे की गर्लफ्रेंड आदि ऐसे शब्द हैं जिनका हम भारतीय खुलकर उच्चारण नहीं करते। लेकिन मारिया बताती हैं कि उसके तीनों बच्चे उसके पहले पति से हैं। बच्चे अब साथ नहीं रहते क्योंकि बड़े हो गए हैं। क्या उनकी शादी हो गई है। नहीं।
हमें बड़ा अजीब लगता है कि शादी भी नहीं हुई और बच्चे अलग रहने लग गए वो भी लड़के ही नहीं लड़कियां भी। मारिया के पति स्टीफन अंग्रेजी समझते हैं लेकिन बोल नहीं पाते। वे भी अपने लड़के की तस्वीर दिखाते हैं साथ ही उसकी मैक्सिकन गर्लफ्रेंड की भी।
स्टीफन और मारिया दोनों के माता-पिता भी अलग रहते हैं। यानी तीन पीढ़ियां अलग-अलग रहती हैं। और यह यूरोप में बिल्कुल सामान्य बात है। मारिया और उसके पति पूरे परिवार के एकत्र होने के मौके की तस्वीर भी दिखाते हैं।
न्यूरमबर्ग में मारिया के घर में रहने के दौरान एक मित्र की याद बरबस चली आती थी। उनके घर में एक जैसे कप-प्लेट और चम्मच बिरले ही मिलते थे। वे बिना किसी संकोच के बताते थे कि ये विभिन्न होटलों से चुराए हुए कप-प्लेट और चम्मच हैं इसलिए इनका सेट नहीं है। यह हमारे जातीय चरित्र पर एक टिप्पणी है।
न्यूरमबर्ग में मारिया के घर में रहने के दौरान एक मित्र की याद बरबस चली आती थी। उनके घर में एक जैसे कप-प्लेट और चम्मच बिरले ही मिलते थे। वे बिना किसी संकोच के बताते थे कि ये विभिन्न होटलों से चुराए हुए कप-प्लेट और चम्मच हैं इसलिए इनका सेट नहीं है। यह हमारे जातीय चरित्र पर एक टिप्पणी है।
कई भारतीय होटलों में चेकआउट के समय होटल का कर्मचारी कमरे में जाकर यह देखता है कि कोई चीज चोरी तो नहीं हुई। मारिया अपना पूरा घर मेरे जिम्मे सौंपकर चाबियां मुझे थमाकर अपने दफ्तर चली गई थीं। कह गई थीं कि वह रात दस बजे आएंगी और चाहूं तो फ्रिज से कुछ भी निकालकर खाता रहूं।
घर में किसी कमरे में कोई ताला-वाला नहीं लगा था। यह कोई अपवाद नहीं बल्कि यूरोप के लिए एक सामान्य बात थी। क्लेश आफ सिविलाइजेशन के लेखक ने और एक महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था ट्रस्ट। इस पुस्तक में दिखाया गया है कि जो संस्कृतियां उच्च स्तर के विश्वास पर आधारित हैं उनका अधिक विकास हुआ है।
मारिया का दफ्तर भी शनिवार को बंद रहता है। इस दिन नाश्ते पर काफी सारी बातचीत हुई। सुबह-सुबह मोटा सा 72 पृष्ठों का अखबार भी आ गया जिसकी कीमत 2.90 यूरो थी। यह शनिवार और रविवार दोनों दिनों के लिए था। यानी रविवार को अखबार नहीं निकलता।
मारिया का दफ्तर भी शनिवार को बंद रहता है। इस दिन नाश्ते पर काफी सारी बातचीत हुई। सुबह-सुबह मोटा सा 72 पृष्ठों का अखबार भी आ गया जिसकी कीमत 2.90 यूरो थी। यह शनिवार और रविवार दोनों दिनों के लिए था। यानी रविवार को अखबार नहीं निकलता।
इस बात में तो कोई शक ही नहीं है कि दक्षिण एशिया में अखबार जितनी कम कीमत में मिलते हैं दुनिया में और कहीं नहीं मिलते। लेकिन क्या यह भी सही है कि जो इलाका जितना अधिक अशांत और गड़बड़ी वाला होता है वहां उतने ही अधिक अखबार निकलते हैं और उतनी ही कम कीमत में।
जर्मन भाषा में रोमन अक्षरों के उच्चारण अंग्रेजी से थोड़े भिन्न हैं। अखबार को साइटुंग कहा जाता है लेकिन इस शब्द में स के लिए जेड वर्ण का प्रयोग किया जाता है। जेड को स पढ़ते हैं, लेकिन कई तरह के स होते हैं। सी की बजाय के का प्रयोग ही ज्यादा होता है। जर्मन में जैसे लिखा जाता है वैसे ही पढ़ा जाता है।
अंग्रेजी में जिसे बर्गर पढ़ा जाता है जर्मन में उसीको बुर्गर पढ़ा जाएगा। यानी कहीं यू है तो अक्सर उसका उच्चारण भी उ होता है, जैसे साइटुंग में। कल्चर को कुलटुर लिखते हैं और यही पढ़ते हैं। जे को य और वाई को ज पढ़ा जाता है। लेकिन जर्मन लोगों को गर्व करते सुना जा सकता है कि जर्मन भाषा सीखना बहुत कठिन है।
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